Dosti Pyar khusi dukh quotes shyari in hindi
हर आदमी को झूठ से नफरत है 🙏🙏🙏🙏
मुझ अज्ञानी को आज तक ये समझ नहीं आया कि फिर झूठ बोलता कौन है ।
आज क्यूं दिल उदास सा है
किसी के ना होने का एहसास सा है
क्यों गुमसुम है दिल की धड़कनें
जैसे कुछ खोने का आगाज सा है
क्या कुछ टूट रहा है छूट रहा है
मुद्दतों से कुछ ठहरा हुआ खिसक रहा है
मैं पूछती हूं ए दिल मुझसे बात कर
ना रुठ मुझसे
क्यूं तू सेहरा के पार चला जा रहा है
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इतने ग़म इतनी रंजिशों का तकाज़ा ले कर
ना जा मुझे छोडकर
तू ये गम का कफ़न ओढकर
क्षितिज़ के पार कोई सदाएं दे रहा है
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किसी ने हमसे पूछ लिया –
कैसे हो ? हमने हंस कर कहा-
जिन्दगी में गम है, गम में दर्द है,
दर्द में मज़ा है. . और .. मजे में हम हैं…😉
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मुझे किसी ने पूछा दर्द की कीमत क्या है.
मैने कहा मुझे नहीं पता, लोग तो मुझे मुफ्त में दे जाते है!😉
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☘ ख़ामोशी से भी नेक काम होते
हैं,
मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते
हुए…….☘
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☘ मजबूत रिश्ते और कडक चाय,
धीरे धीरे बनते है…😜
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🌺 कुछ इस अदा से तोड़े है ..ताल्लुक उसने ..!!!!!
…कि
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ ..कसूर अपना .!!!!!🌺
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घमंड न करना
जिन्दगी मे
तकदीर बदलती रहती है..!!
शीशा वही रहता है
बस तस्वीर
बदलती रहती है...!!
दुसरो को सुनाने के लिए अपनी
"आवाज" ऊँची मत करो...
बल्कि ...
अपना "व्यक्तित्व" इतना ऊँचा बनाओ
कि आपको सुनने के लिए "लोग" इंतज़ार करे!
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जिन्दगी भर कोई साथ नहीं देता यह जान लिया हमने, लोग तो तब याद करते हैं जुब वह खुद अकेले हों!!!
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चार लाइने दोस्तों के नाम💞
"काश फिर मिलने की वजह मिल जाए!
"साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए!
"चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें!
"क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए!
"मौसम को जो महका दे उसे 'इत्र' कहते हैं!
"जीवन को जो महका दे उसे ही 'मित्र' कहते है!
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है!
*"फिर भी ज़िन्दगी भर का साथ देते हैं "दोस्त"।
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"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ.. की,
खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद...!"
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मुस्कुराहट, तबस्सुम, हँसी, कहकहे....
सब के सब खो गए, हम बड़े हो गए !
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इस इंतिज़ार में बैठे हैं उन की महफ़िल में...
कि वो निगाह उठाएँ तो हम सलाम करें...
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कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे,
मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।"
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वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
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समझा दो अपनी यादों को तुम जरा 'ए दिल'
दिन रात तंग करती है कर्जदार की तरह ।।😊
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सावन कैसी दे गया... यादाे की सौगात...!
बादल बरसा दाे घडी.. नैना सारी रात...!!
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तनहाई से इस कदर मोहब्बत हो गयी हमें कि
अब अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है।।
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हमें क्या पता था,
ये मौसम यूँ रो पड़ेगा;
.
हमने तो आसमां को बस
अपनी दास्ताँ सुनाई है ।
.........✍
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रंग, हुस्न, गहने, जलवे...
सब थे महफिल में..
एक शख्स सादगी में...
सब पर भारी था..⬛
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बातें तेरी सब से जुदा हैं
तेरी इसी बात पे सब फिदा हैं 😊😊
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मेरे लफ्जों से न कर मेरे किरदार का फैसला , तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकिकत ढूंढते ढूंढते !
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जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है...........,
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते.
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रोज तेरा इंतजार होता है ,
रोज ये दिल बेकरार होता है,
काश..!
कि
तुम ये समझ पाते कि.....
चुप रहने वालों को भी किसी से प्यार होता
है !
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🎭फिर हुआ तमाशा गली में आज सुबह,
मैं उसे,
वो मुझे,
लोग हमें देखते रहे ।।
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हर महफ़िल मे साथ ले जाता हूँ काफिला यादों की उनकी
और वो कहते हें कि हम उन्हे याद नहीं करते
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अच्छी किताबें,
और अच्छे लोग...!
तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढ़ना पड़ता है...!
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जीवन भर का साथ मिले तो हर कोई
मोहब्बत कर सकता है,,
लेकिन बिन साथ और उम्मीद के
किसी को चाहना बहुत बड़ी बात है.
❤
[ हम अपने दिल की बात बताकर चले आये,
सुना है महफ़िल में अभी तक ख़ामोशी है……
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कुछ लोग ये सोचकर भी मेरा हाल नहीं पूछते,
कि ये पागल
दीवाना फिर कोई
शायरी न कर दे,,
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💚Beautiful Lines💚
एक सच छुपा होता है
जब कोई कहता है
"मजाक था यार"**
एक फीलिंग छुपी होती है
जब कोई कहता है
"मुझे कोई फर्क नही पङता"**
एक दर्द छुपा होता है
जब कोई कहता है
"Its ok"**
एक जरूरत छुपी होती है
जब कोई कहता है
"मुझे अकेला छोङ दो"**
एक गहरी बात छुपी होती है
जब कोई कहता है
"पता नही"**
एक बातों का समंदर छुपा है
जब कोई खामोश रहता है**
इसीलिए एक ओपन हार्ट
सर्जरी की यूनिट के बाहर
लिखा था कि...
अगर दिल खोल लेते
अपने यारों के साथ
तो आज नही खोलना पङता
औजारों के साथ..!**
👌👌🙏🙏🌹🌹
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चाँद को देख खुश होने की बेशक उम्मीद है...
गर इन्सान को देख इन्सान दिल से मुस्काये तो रोज़ ईद है...
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कर रहीं ❝ सौतेलापन ❞ खुद अपनी ही परछाइयाँ
अपनेपन की ❝ ख्वाहिशें ❞ तू पाल मत इस दौर में...
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✍यूँ ही वो दे रहे है क़त्ल की धमकियाँ,
हम कौन से ज़िंदा है जो मर जाएंगे !!✍
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प्यार भी हम करें,
इन्तजार भी हम,
जताये भी हम और रोयें 😭भी हम.🌹🙏
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जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दुंगा ,पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है..
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🌺 दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो….🌺
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🌺भीग गया हूं पूरा इस बारिश के मौसम में
ना ना बारिश की बूंदों ने नहीं
तेरे प्यार की यादों ने भिगो डाला हैं 🌺
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कुछ मतलब के लिए ढूँढते हैं मुझको;
बिन मतलब जो आए तो क्या बात है;
@कत्ल कर के तो सब ले जाएँगे दिल मेरा;
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है।
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साँसों की तरह ,
तुम भी , शामिल हो मुझमें.........
रहते भी साथ हो ,
और...
ठहरते भी नहीं....
💞
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छुप छुप कर क्यु पड़ते हो अल्फाजो को मेरे....!!
सिधे दिल ही पढ़ लो
पहला अक्षर तुम से शुरू....आखरी सांसो तक तुम हो.💔
: हमसे 'नफरत' तभी करना जब आप हमारे बारे मे 'सबकुछ' जानते हो,
तब नहीं जब किसी से 'कुछ' सुना हो..💔
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🌹 काश किस्मत भी नींद
की तरह होती ,
हर सुबह खुल जाती …🌹
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🌹 इतनी बदसलूकी ना कर.,,,,,,A जिंदगी,,,,,,
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले हैं…!!…..🌹
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🍃 लफ्ज़… अल्फ़ाज़… कागज़ या किताब…
कहाँ कहाँ रक्खें हम…. यादों का हिसाब..🍃
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🌺 कभी बिछड़ना चाहो तो बस ये सोच लेना ,
तुम बिन मेरी सांसो को चलना नही अता ।🌺
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🌺 कहते है की जब कोई किसी को बहुत याद करता है तो तारा टूट के गिरता है…
एक दिन सारा आसमान खाली हो जायेगा और इलज़ाम हमारे सर आयेगा….🌺
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हँसना और हँसाना कोशिश
है मेरी ,
हर कोई खुश रहे, यह चाहत
है मेरी ,
भले ही मुझे कोई याद करे
या ना करे ,
लेकिन हर अपने दोस्त को याद
करना आदत है मेरी😊🙏
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🌺 कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे,
मै उतना याद आउगाँ जितना तुम मुझे भुलाओगे…🌺
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"बहुत ही प्यारी कविता"
ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है
क्या तेरा कोई पक्का पता है
क्यों बन बैठा है अन्जाना
आखिर क्या है तेरा ठिकाना।
कहाँ कहाँ ढूंढा तुझको
पर तू न कहीं मिला मुझको
ढूंढा ऊँचे मकानों में
बड़ी बड़ी दुकानों में
स्वादिष्ट पकवानों में
चोटी के धनवानों में
वो भी तुझको ही ढूंढ रहे थे
बल्कि मुझको ही पूछ रहे थे
क्या आपको कुछ पता है
ये सुख आखिर कहाँ रहता है?
मेरे पास तो "दुःख" का पता था
जो सुबह शाम अक्सर मिलता था
परेशान होके शिकायत लिखवाई
पर ये कोशिश भी काम न आई
उम्र अब ढलान पे है
हौसला अब थकान पे है
हाँ उसकी तस्वीर है मेरे पास
अब भी बची हुई है आस
मैं भी हार नही मानूंगा
सुख के रहस्य को जानूंगा
बचपन में मिला करता था
मेरे साथ रहा करता था
पर जबसे मैं बड़ा हो गया
मेरा सुख मुझसे जुदा हो गया।
मैं फिर भी नही हुआ हताश
जारी रखी उसकी तलाश
एक दिन जब आवाज ये आई
क्या मुझको ढूंढ रहा है भाई
मैं तेरे अन्दर छुपा हुआ हूँ
तेरे ही घर में बसा हुआ हूँ
मेरा नहीं है कुछ भी "मोल"
सिक्कों में मुझको न तोल
मैं बच्चों की मुस्कानों में हूँ
पत्नी के साथ चाय पीने में
"परिवार" के संग जीने में
माँ बाप के आशीर्वाद में
रसोई घर के पकवानों में
बच्चों की सफलता में हूँ
माँ की निश्छल ममता में हूँ
हर पल तेरे संग रहता हूँ
और अक्सर तुझसे कहता हूँ
मैं तो हूँ बस एक "अहसास"
बंद कर दे तू मेरी तलाश
जो मिला उसी में कर "संतोष"
आज को जी ले कल की न सोच
कल के लिए आज को न खोना
मेरे लिए कभी दुखी न होना
मेरे लिए कभी दुखी न होना
🙏🙏🙏
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चलो माना की हमे प्यार का इजहार करना नहीं आता;
जज्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नही!
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जरा ठहर ऐ जिंदगी
तुझे भी सुलझा दुंगा... पहले उसे तो मना लूं
जिसकी वजह से तू उलझी है..🖊
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🌺 माना कि उन्हें फुर्सत नहीं मुझसे बात करने की,
पर मुझे कौन रोक सकता है उन्हें याद करने से….🌺
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हमें क्या पता था,
ये मौसम यूँ रो पड़ेगा;
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हमने तो आसमां को बस
अपनी दास्ताँ सुनाई है ।
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चाह को भी गर किसी की पा लिया
तिलस्म ए मोहब्बत में दाखिला लिया 🌺
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🌺 नींद की इजाज़त भी उसकी यादों से
लेनी पड़ती है मुझे…।
खुद तो सो जाती है वो मुझे करवटों में छोड़ कर..!🌺
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🌺 ” ना जाने वो कौन सी डोर है,
जो तुझ संग जुड़ी है,
दूर जायें तो टूटने का डर है,
पास आयें तो उलझने का डर है ”🌺
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ना कर तंग जीने दे मुझे . . . .
ए इश्क . . . .
तेरी कसम . . . . ,
मैँ तेरे आगे हार गया . ...
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न कोई जरूरी था
न कोई जरूरत थी
न कोई बैर था
न वैसी कोई फितरत थी
ए बचपन वाली जिंदगीं
वाकई..
तू कितनी खूबसूरत थी 👌
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न कहा करो हर बार की हम छोड़
देंगे तुमको,
न हम इतने आम हैं, न ये तेरे बस की बात
है…!!
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🌹 कितनी महोब्बत है तुमसे,
कोई सफाई ना देंगे,
साये की तरह रहेंगे तेरे साथ,
पर दिखाई ना देंगें।..🌹
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💜💕
जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी,
पर तुम्हे जितने के लिए हम हारते चले गये….🍂
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बहुत नज़दीक आ जाते हैं वो लोग,
जो बिछड़ने का इरादा रखते हैं
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आदत उनकी कुछ इस तरह हो गई,
उनकी बेरुखी से भी मोहब्बत हो गई…
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🌺 वो आँगन की भुरभुरी सी मिटटी,
वो फर्श पर पड़ी धूल,
वो किताब के कुछ बिखरे पन्ने...
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सब कामचोर होने की निशानी है ,
शायरी नही है.. 😂😜😜
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❤जल रहा है चिराग यादों का
कोई खबर ही नहीं तेरे वादों का❤
❤हमने तो जल के भी जलाए रखा
टिमटिमाता है दिया उन बातों का❤
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!! मोहब्बतों में शुमार कैसा
!! यक़ीन कैसा
!! गुमान कैसा
!! सवाल कैसा
!! जवाब कैसा
!! मोहब्बतें तो मोहब्बतें हैं
!! मोहब्बतों में हिसाब कैसा..
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दिल पे क्या गुज़री, वो अनजान
क्या जाने,
प्यार किसे कहते है, वो नादान
क्या जाने,
हवा के साथ उड़ गया, घर इस
परिंदे का,
कैसे बना था घौंसला, वो
तूफान क्या जाने!!
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लौट आओ सनम जुदाई अब ये सही नहीं जाती,
बहुत कर ली शायरी अब हर बात शायरी के जरिये कही नहीं जाती..!
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💐ना जाने आज दिल इतना उदास हैं क़्यों ,
वो हो के दूर इतना दिल के पास हैं क़्यों ,
मुझे मालुम नहीं उसके लिये कौन हूं मैं ,
मगर मेरे लिये वो इतना ख़ास़ हैं क्यों . 💐
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🌺 मैं भूल सा गया हूँ तुम्हारे बारे में लिखना आजकल..
सुकून से तुम्हें पढ़ सकूँ इतना भी वक्त नहीं देती है ये जिंदगी..🌺
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उसूलों पे जहाँ आँच आये वहां टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है...
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ए उम्र, माना कि तू बडी हस्ती है।
जब चाहे मेरा बचपन छीन सकती है। ।
पर गुरूर मत कर अपनी हस्ती पर।
मुझे भी नाज है अपनी मस्ती पर।।
गर है दम तो इतनी सी कर खता।
बचपन तो छीन लिया, बचपना छीन कर बता।।
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