Tuesday, 30 August 2016

beautiful hindi shayari on love emotions sad and life

Beautiful hindi shayari on love emotions sad and life

रिश्तों की रस्सी  कमजोर तब हो जाती है  जब इंसान गलत फहमी में पैदा होने वाले सवालों के जबाब भी खुद ही बना लेता है.
 हर इंसान दिल का बुरा नहीं होता .. 
बुझ जाता है दीपक अक्सर तेल की कमी के कारण .. 
हर बार कसूर हवा का नहीं होता…!!!
 🌹🌹जय श्री श्याम🌹🌹  

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तू जिंदगी को जी,
उसे समझने की कोशिश ना कर। 
चलते वक़्त के साथ तू भी चल,
वक्त को बदलने की कोशिश कर.. 
दिल खोल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश कर.. 
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे,
सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश कर..  


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हवा चुरा ले गयी थी
मेरी ग़ज़लों की किताब.. 
देखो, आसमां पढ़ के रो रहा है.
और नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो रही है..!    

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सारी बातें मंजूर तेरी
पहले ये बता हवा नाम किसका रखा हैं ?           

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           ये बूंदे बारिश की नहीं मेरे प्यार की है
तेरी चाहत में थी शिद्दत इतनी
जो ये बरस गई 😘          
    
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कोई मिल जाए तुम जैसा,
ये ना-मुमकिन है...
और तुम ढूँढ लो हम जैसा..
इतना आसान ये भी नहीं....!!          

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ईश्क की गहराईयो में खूब सूरत क्या है ..!
 मैं हूं ,तुम हो,और किसी की जरूरत क्या है..!       

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🌹मुद्दत के बाद उसने जो आवाज दी मुझे 
कदमोँ की क्या बिसात थी... 
साँसे ठहर गई🌹                  
      

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खामोशी को इज़हार कहते हे,
क्या दस्तूर है इस दुनिया का,
एक खूबसूरत सा धोखा हे,
जिसे लोगप्यारकहते हे..                        

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शायरियां पंसद करने लगे हो मेरी,
कहीं तुमने भी इश्क़ में, धोखा तो नहीं खा लिया??                        

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तुझे जैसे चलना है, वैसे चल ज़िंदगी मेरी
मैने तो तुझसे हर उम्मीद छोड रखी है ”     

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तू मिले या ना मिले ये मेरे मुकद्दर कि बात है,
मगर... 
सुकून बहुत मिलता है तूझे अपना सोच कर                        

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नफरत के बाज़ार में जीने का अलग ही मज़ा है
लोग रुलाना नहीं छोड़ते हम हसना नहीं छोड़ते।                        

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चाहते हो अगर हमेशा के लिए किसी को अपना बनाना...❣💖
तो कितना चाहते हो उसे ,ये उसे कभी ना बताना...!❣💖❣                        

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उनको "खुदा" मिले है खुदा की जिन्हें "तलाश"•••
 मुझको तो बस एक "दुआं" "यार" की मिले...                         

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 कुछ इस कदर है "नाम" की दीवानगी तेरे लिये
जो तेरा जिक्र करे उससे भी प्यार हो जाता है...                        

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 वो बदलती रहती है अपने ठीकाने अक्सर..
आज वो मेरा दिल भी खाली कर गयी.. ।।                        

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तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता ,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!                        

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इन आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो लेकिन त्यौहार हो जाता है...                        

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चर्चा--खास हो तो किस्से भी जरूर होते हैं,
उँगलियाँ उन्हीं पर उठती हैं जो मशहूर होते हैं !!
सुप्रभात                        
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रूबरू हम मिल पायें पायें
तुम्हारी सोच भी किसी दीदार से कम नहीं
💐💐सुप्रभात                        

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🌺 अजीब कहानी है इश्क और मोहब्बत की,
उसे पाया ही नहीं फिर भी खोने से डरता हूँ🌺                        

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 बारिश के बाद, रात आईना सी थी.... 
एक पैर पानी मे पड़ा, और चाँद हिल गया..                        

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 अपनो में घुलमिल जाओ तो बताना ,
खुद से मिल पाओ तो बताना                          

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 सुरमई कायनात में धुली साजिशों की लय हूँ......                                  ढलता आसमां सा तुम...तन्हा साहिल सा मैं हूँ...........                        

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 जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला।
खबर थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है...                        

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थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो ,
 चुप रहते हो तो भूल जाने का एहसास होता है.                        

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हमने ये शाम चराग़ों से सजा रखी है;
 आपके इंतजार में पलके बिछा रखी हैं;
हवा टकरा रही है शमा से बार-बार;
 और हमने शर्त इन हवाओं से लगा रखी है।                        

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अजीब ही नहीं
बड़ा मुश्किल सवाल है
जिसका नहीं मेरे पास जवाब है                        

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🌺 हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,
पर कोई हुनर काम नहीं आता ,जब तेरा नाम आता हैं…!!                         

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जागने की भी जगाने की भी आदत हो जाए
काश किसी को इस शायर से भी मोहब्बत हो जाए..                        

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हम तो आइना है.दाग दिखायेंगे फितरत के जिसको बुरा लगे
वो सामने से हट जाए.                        

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सुना है तुम ले लेती हो हर बात का बदला.. 
आजमाएंगे कभी तुम्हारे होठो को चूम कर..                        

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चल 'यारा' 'मोहब्बत' करने का 'हुनर' 'सिखाता' हूँ ,'इश्क'... 
तुम 'शुरू' करो 'निभाकर' मैं' 'दिखाता' हूँ                        

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चलिए जिंदगी का जश्न कुछ इस तरह मानते है
कुछ अच्छा याद रखते है, कुछ बुरा भूल जाते है..                        

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तुम ही तुम दिखते हो..हमें कुछ हुआ तो जरूर है...
ये आइनें की भूल है या तेरी निगाहों का कसूर है....!!😍@ndy                        

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तेरी ही आंखों में कोई समाया है
जरूर तूने कही दिल लगाया है                        

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 मुझे ना सांस आती है ना मेरा दम निकलता है.. 
मुझे ये डूबना तैरना बहुत तकलीफ़ देता है..                        

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 तू तो मेरी जान है
फ़िर क्यूँ तेरी ही याद मेरी जान ले रही है..                        

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सब समझते हैं कि मैं कुछ नहीं.,
हाँ तेरे बिना तो मैं कुछ भी नहीं.!                        

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उदास हूँ पर तुझसे नाराज नहीं
तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं.                        

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 बदल गया वक़्त😒 बदल गयी बातें👉🏻😖बदल गयी मोहब्बत...💘
 .कुछ नहीं बदला😞 तो वो है, इन आँखों की नमी😣 और तेरी कमी !!😢                        
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"चल 'यारा' ....
'मोहब्बत' करने का..

'हुनर' 'सिखाता' हूँ

'इश्क'... तुम 'शुरू' करो....

'निभाकर'... 'मैं' 'दिखाता' हूँ "..                        

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 चलिए जिंदगी का जश्न कुछ इस तरह मानते है
कुछ अच्छा याद रखते है, कुछ बुरा भूल जाते है..                        

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 💐 जाम तो उनके लिए है
जिन्हें नशा नहीं होता
हम तो दिनभरतेरी यादों के
नशे में यूँ ही डूबे रहते है।🌺                        

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 जिंदगी में एक आस बाकी है
ऐसा लगता है कि अब कुछ ही सांस बाकी है
मौत भी जाए तो कहेंगे रुक जरा
अभी उसके साथ एक मुलाकात बाकी है                        

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 किस तरहा जीने अंदाज छोड़ दें
क्या रखा है हमारे पास इस अंदाज के सिवा                        

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 सुबह हो तो तेरे चेहरे की धूप से हो
वरना तेरे ख्वाबों की रात ही अच्छी हे😊                        

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 याद ना करो गी तो सताऊंगा
रूठो गी तो मनाऊँगा
रोएगी तो हँसाऊँगा
दोस्त हूँ में तुम्हारा साया नहीं
जो अंधेरे में साथ छोड़ जाऊंगा 😍🙂                        

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 तू छोड़ दे कोशिशें.....
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से ....
सब बदलते नकाब हैं...!
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर.
हर शख़्स कहता है-
" ज़माना बड़ा ख़राब है।"                        

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टूटे हुए कांच की तरह चकनाचुर हो गये.. 
किसी को लग ना जायें, इसलिए सब सें दूर हो गये…!!                        

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बहुत  लुटाया  ख़ुद  को  तेरी  मुहब्बत  में हमने
 मगर नज़राना फिर भी सिर्फ खामोशी का मिला                        

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जागने की भी जगाने की भी आदत हो जाए
काश किसी को इस शायर से भी मोहब्बत हो जाए..                         

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 👍 आसमा में मत ढूढ अपने सपनों को,
सपनों के लिए तो जमी जरूरी है.
 सब कुछ मिल जाये तो जीने का क्या मजा,
जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है👍                        

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रोक कर बैठे हैं कई समंदर आँखों में
.दगाबाज़ हो सावन तो क्या
हम खुद ही बरस लेंगे…                        

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 बिछड जाऊ तुझसे, तो फिर रिश्ता तेरी यादो से जोडुगl
मुझे जिद है, मैं जीने का कोई मौका ना छोडुगl                        

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तमाम शराबें पी ली थी इस जाहाँ की मगर,
उसकी आँखों में झाँका तो जाना आखिर नशा भी क्या चीज़ हे                         

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 बहुत  लुटाया  ख़ुद  को  तेरी  मुहब्बत  में हमने
 मगर नज़राना फिर भी सिर्फ खामोशी का मिला                        

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  जाने कौन सा अम्रत पी के
पैदा हुई है ये मुहब्बत...
 मर गये कितने हीर और
रांझे मगर आज तक जिन्दा है
ये मुहब्बत...💞💞                        

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 कितने मज़बूर है हम तकदीर के हाथो..
ना तुम्हे पाने की औकात रखतेँ हैँ
और ना तुम्हे खोने का हौसला.!!                        

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 जहाँ खामोश फिजा थी, साया भी था;
हमसा कोई किस जुर्म में आया भी था!
जाने क्यों छिनी गई हमसे हंसी;
हमने तो किसी का दिल दुखाया भी था!                        

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 👍 जिन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है |
कोन सी चीज महुब्बत से बड़ी होती है ||💐                        

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 पूछा जो हमने उनसे ,
       किसी और के होने लगे हो क्या
वो मुस्कुरा कर बोले ,
        पहले तुम्हारे थे क्या ....                        

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 💐 सब समझते हैं कि मैं कुछ नहीं.,
हाँ तेरे बिना तो मैं कुछ भी नहीं.!💐                        

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 बिन देखें, देख लेना
बिन छुए, छू लेना
तेरे इश्क ने मुझे क्या-क्या सिखाया हैं
रोते-रोते हस लेना
हसते-हसते रो लेना
इस इश्क ने मुझे दिवाना बनाया हैं🍃🍃                        

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 वादो से बंधी,"
जंजीर थी जो तोड दी मैँने..."
.
.
.
.
अब से जल्दी,"
सोया करेँगेँ मोहब्बत छोड दी मैँने..                        

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उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में..
 पर,
 बेवजह खुश रहने का मज़ा ही कुछ और है...                        

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 हमने तो मोह्ब्बत छोड़ दी,
पर मोह्ब्बत ने हमे कहीं का नही छोडा !!                        

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सुनो ये दिल भी बड़ी बेबस चीज़ है
देखता सबको है पर
ढूँढता तुझी को है !!😞                        

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 मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ खुदा,
..किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।                        

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चल 'यारा' 'मोहब्बत' करने का 'हुनर' 'सिखाता' हूँ ,'इश्क'... 
तुम 'शुरू' करो 'निभाकर' मैं' 'दिखाता' हूँ                        

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 🌹 लफ़्ज़ों से काश बयाँ कर पातें,
ख़ामोशियाँ क्या असर करती हैं..!!!🌹                        

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 पलकें झुकें , और नमन हो जाए…….!!
मस्तक झुके, और वंदन हो जाए……!!
ऐसी नज़र, कंहाँ से लाऊँ, मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूँ और आपके दर्शन हो जाए..!!

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चलो हम गलत थे ये मान लेते है..
ऎ जिंदगी..
पर एक बात बता.. क्या वो शख्स सही था

जो बदल गया इतना.. करीब आने के बाद

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वक्त बदल गया है दोस्त क्यों यूं ही उस शख्स पर इल्जाम लगाते हो
करीब था वो ... करीब आने से पहले

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कभी कांच कभी पत्थर कहते हो
यहां हर शख्स जानता है तुझे 
हीरे सा दिल लिए बैठे हो

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दिल है कदमों पे किसी के सर झुका हो या न हो,
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है, ख़ुदा हो या न हो।

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खुदा तो हर जगह होता है बन्दे
तु बन्दगी रके ना करे 
रहमते वो फिर भीकरता है

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तुझको देखा जो सुबह दिल बड़ा ही रंगीन हो गया है।

समझ गया मैं क्यूँ शहर का मौसम हसीन हो गया है।

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मतलबी दुनिया मे सम्भल के चलना....!!
यहाँ तो लोग हाथों से दफ़ना कर भूल जाते
हैं कि कब्र कौन सी थी...

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मेरी फ़िक्र के चलते, मुझसे गुस्सा हो जाना,
हुज़ूर मेरे और भी हसीन होने के बहाने ढूंढते हैं।

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वक्त होते तुम तो गिला ना करते..


अपने थे फिर भी ना ठहरे  .

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कुछ ख्याल भी ख्यालों में होते हैं,
ना जाते हैं ना मुकम्मल होते हैं...!

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ख़ुद पुकारेगी जो मंज़िल
तो ठहर जाऊँगा....
.
..

वर्ना ख़ुद्दार मुसाफिर हूँ
गुज़र जाऊँगा.......।

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अजीब रंगों में गुज़री है मेरी ज़िन्दगी,
 दिलों पे राज किया पर मुहब्बत को तरस गए..

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ढून्ढ तो लेते तुम्हे हम,,
शहर में भीड़ इतनी भी न थी,,,
,,,
पर रोक दी तलाश हमने क्योंकि
तुम खोये नहीं थे, बदल गये थे,,

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परेशान न हो, मेैं गम में नहीं हुं,
सिफॅ मुस्कराने कीआदत चली गई हैं 

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जाम तो उनके लिए है
जिन्हें नशा नहीं होता
हम तो दिनभर “तेरी यादों के
नशे में यूँ ही डूबे रहते है।

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सीख रहा हूं मैं भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर......।
कड़वे सच ने हमसे ना जाने कितने अज़ीज छीन लिए..........

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सुख मेरा...
काँच के जैसा था.....

ना जाने...
कितनों को चुभ गया....

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सच को तमीज़ ही नहीं,
बात करने की,

झूठ को देखो, 
कितना मीठा बोलता है!

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सर-ऐ-आम ये शिकायत है ज़िन्दगी से,
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से !!! 

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बस रिश्ता ही तो टूटा है,
.
.
मोहब्बत तो आज भी हमे उनसे है.

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रिश्ता वही कायम रहता है,

जो दिल से शुरू हो ज़रूरत से नहीं !!

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नफरत के बाज़ार में जीने का अलग ही मज़ा है , लोग रुलाना नहीं छोड़ते हम हसना नहीं छोड़ते।

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तमाम गिले शिकवे भुलाकर जीया करो - यारो 
सुना हैं  - मौत किसी को मुलाकात का मौका नहीं देती

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मै लहरो को पकड़ता हू 
तो किनारा छुट जाता है 
जो किनारो पर ठहरता हूं
तो दरिया रूठ जाता है 
एक हसरतें है कि दम भरने नही देती 
एक ज़रूरतें है जो ये दम निकलने नही देती !
"सारी उम्र गुज़री यूँ ही ,रिश्तों की तुरपाई में..।
मन के रिश्ते पक्के निकले, बाक़ी उधड़े कच्ची सिलाई में".l
मुस्कारने के मकसद न ढूँढ,
वर्ना जिन्दगी यूँ ही कट जाएगी !
कभी वेवजह भी मुस्कुरा के देख 
तेरे साथ साथ जिन्दगी भी 
मुस्कुरायेगी l

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हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये ,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये ,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे ,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये 

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जब भी आईने में खुद से नज़रे मिलाओगे,
अपनी आँखों में तुम नक्श मेरा पाओगे,
किसी दिन इन्तजार में मर जाऊँगा मैं,
फिर बताओ नया ‘प्रवेश’ कहाँ से लाओगे.

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हवायें फैसला करेगी नई रोशनी का!
अब जिस चिराग मे दम होगा वही जलेगा!!

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सुनो हवाओ, चिरागों को छोड़ दो तन्हा,


जो जल रहे है, उन्हें और क्या आज़माना

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जिस्म पर जो निशान हैं न, जनाब-
वो सारे बचपन के हैं..

बाद के तो सारे-
दिल पर लगे है...

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इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमेँ. तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा!!!🌹💐🌹

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सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!

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साँवरे सलोने का देखो लग गया दरबार भी 
आ गयीं मीरा दीवानी छोड़ कर संसार भी

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प्रेम का अभिसार कान्हा, राधिका का प्यार भी
कर्म का आधार कान्हा, है जिन्दगी का सार भी⁠⁠⁠⁠

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गोपियों को वो रिझाते बांसुरी की तान पर
होंठ पर रखकर मुरलिया गा रहे मल्हार भी

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अपने चरणों में जगह दे श्याम मैं दास तेरा
बस पकड़ ले उंगली हो जाएगा नइया पार भी

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मैं सुदामा हूँ अगर तो कृष्ण मेरा यार भी 
राधिका जो बन गया तो कृष्ण मेरा प्यार भी

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ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है 🖋
तो मेरा लहू लेले,🔻
यूं कहानियां अधूरी न लिखा कर

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कभी देखेंगे ए-जाम तुझे होठों से लगाकर, 
 कि मुझमे तू उतरता है कि तुझमे मैं उतरता हूँ…

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 जख्म है कि दिखते

…….. नही ,

मगर ये मत समझिए
कि दुखते नही…..

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नज़र मे जब भी कोई खुश जमाल आता है..!!

                     क़सम ख़ुदा की तुम्हारा ख्याल आता है..!!

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सुबह हो तो तेरे चेहरे की धूप से हो
वरना तेरे ख्वाबों की रात ही अच्छी हे

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किस तरहा जीने अंदाज छोड़ दें
क्या रखा है हमारे पास इस अंदाज के सिवा

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"शाम होते ही चिरागों से ....... तुम्हारी गुफ्तगू

 बहुत मसरूफ हो जाते हैं हम ....... घर जाने के बाद !!

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सुनो हवाओ, चिरागों को छोड़ दो तन्हा,


जो जल रहे है, उन्हें और क्या आज़माना

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 हम तो लिख देते हैं जो भी दिल में आता है हमारे.....

आपके दिल को छू जाए तो इत्तफाक समझिये.

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ए बादल इतना बरस के नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है मुहब्बत के सैलाब को..!!

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कुछ लम्हे में दोबारा जीना चाहti हूँ
मैं तुम्हें फिर से पहली बार देखना चाहti हूँ..

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हमने सिया है इश्क़ में होठों को इस कदर,,,

जिसने भी दी ज़माने में हमारी मिसाल दी...

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उल्फ़त
मुहब्बत
अश्क
वफ़ा
अफ़साने 
उन्स
तंझ
मुरव्वत
रश्क
.
.
.
.
.
.
तुम्हारे ईश्क ने सनम
कितना अदब ए उर्दू बना दिया...

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किसी का इश्क, किसी का ख़्याल थे हम भी, 
गए दिनों में, बहुत कमाल थे हम भी...!!

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तू अब भी बड़ा कमाल है 

बड़ी-बड़ी मिसालों मे

आज भी बेमिसाल है

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जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी

दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ

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- बशीर बद्र -
खुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशें हो तो भीग जाया कर।

चाँद लाकर कोई नहीं देगा,
अपने चेहरे से जगमगाया कर।

दर्द हीरा है, दर्द मोती है,
दर्द आँखों से मत बहाया कर।

काम ले कुछ हसीन होंठो से,
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर।

धूप मायूस लौट जाती है,
छत पे किसी बहाने आया कर।

कौन कहता है दिल मिलाने को,
कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर।

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उसने मेरा हाथ थामा था उस पार जाने के लिए…
और मेरी एक ही तमन्ना थी कभी किनारा ना आए…

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तेरी निगाहों के यूं ही कायल थे हम
क्या जरूरत थी आजमाने की
यूं ही बेहोश पड़े थे तेरी राहों में
क्या जरूरत थी अलग से मुसकुरानें की

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मोहब्बत नहीं है तो नजरें भी ना मिलाया करो……

इन आँखों पे भरोसा कर के लुट गए हैं हम...

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कुछ इस कदर है "नाम" की दीवानगी तेरे लिये

जो तेरा जिक्र करे उससे भी प्यार हो जाता है...

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सुनो
तूम भी बिल्कूल मेरी तरह ही हो,,,,,,,

अल्फाजों से भरपूर...पर ...खामोश

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तेरे ढाई अक्षर से दिन मेरा कुछ यूँ महक गया.

सम्भला था ये दिल जरा सा की फिर बहक गया..

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"एक नाम ठहर जाता है उम्रभर के लिए जुबां पर ,,
कौन कहता है कि वक्त .....ठहरता नहीं है ♡

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वो चाहते है,
जी भर के प्यार करना…
हम सोचते है,
वो प्यार ही क्या,
जिससे जी भर जाये

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या तो खरीद लो.., 
या खारिज़ कर दो मुझे दोस्तों,

 यूँ सहूलियत के हिसाब से, 
किराये पर मत लिया करो मुझे..

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