Thursday, 25 February 2016

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi -ये मत समझो के डरा हुआ हूं मै
बिखरता रहता हूं बस, दोस्तों के प्यार से भरा हुआ हूं मैं

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जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है, पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है,

तसल्ली होती है हमारे दिल को,की चलो कोई तो है अपना, जो हर वक़्त याद आता है |



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 हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता…

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बहुत देर कर दी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में।। वो दिल नीलाम हो गया जिस पर कभी 'हुकुमत' तुम्हारी थी

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 ये उड़ती ज़ुल्फें, ये बिखरी मुस्कान।
एक अदा से संभलूँ, ,
तो दूसरी होश उड़ा देती है।,,,

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हजारो बार ली है तलाशीयाँ तुमने मेरे दिल की 
कभी कुछ मिला क्या तुम्हारे सिवा

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अगर इश्क़ हुआ दुबारा तो भी तुझसे
ही होगा….
मेरे नादान दिल को तुझ पर इतना
भरोसा है..!!

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“मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की है,

तेरे ना मानने से हकीक़त नहीं बदलेगी…

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दिल पे तूने क्या लिख दिया

के अब किसी और का होने को जी नहीं चाहता


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टूट रहे हैं दिल हर जगह..

न जाने इश्क़ कहाँ है?

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 रोज़ जले फ़िर भी ना ख़ाक हुए,..
अजीब है ये इश्क़ बुझ कर भी ना राख हुए…

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अच्छे किरदार,अच्छी सोच वाले...
 लोग हमेशा, साथ रहते हैं..!

दिलों में भी, लफ्ज़ों में भी...

 दुआओं में भी--

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उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,

भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती…!!

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किसका वास्ता देकर मैं रोकता उसे,
खुदा तक तो मेरा बन चुका था वो

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आप खुद ही अपनी अदाओं में ज़रा ग़ौर कीजिये..
हम अर्ज़ करेंगे तो शिकायत होगी…

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इश्क़ की गहराइयो  में खूबसूरत क्या है

मैं हूँ तुम हो और कुछ की ज़रूरत क्या है

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 तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,

मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।।।

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ए रात मेरी तनहाई देख कर,,
मुझ पर मत हंस इतना वरना,
जिस दिन मेरा यार मेरे साथ होगा..
तू पल में गुज़र जायेगी…..!!

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हर रात को तुम इतना याद आते हो के हम भूल गए हैं,

के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं, या तुम्हारी यादों के लिए...

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तू रूठी रूठी सी रहती है ऐ जिन्दगी,
कोई तरकीब बता तुझे मनाने की,
मैं साँसे गिरवी रख दूंगा अपनी,

बस तू कीमत बता मुस्कुराने की..!!!

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शाम के साये बालिश्तों से नापे हैं 

चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में

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दिये रहो यूं ही कुछ देर और हाथ में हाथ

अभी ना पास से जाओ बड़ी उदास है रात

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 हर मुलाकात को याद हम करतें हैं,
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है,
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर,
फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है!!

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कागज़ पे हमने ज़िन्दगी लिख दी,
अशकों से सींच कर खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफज़ो पे,
लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख दी!!

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ये सर्द रात, ये आवारगी, ये नींद का बोझ

हम अपने शहर में होते तो घर गए होते

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 दर्द ये क्या है इस दर्द पे ही बात करो
और कुछ भी नहीं बस आंसुओं की बात करो

न ये दुनिया, न ही रिश्ते, न ही बंधन की
इन हवाओं में उड़ते पंछियों की बात करो

राज़ तन्हाई की और बोलियां निगाहों की
मुझसे कुदरत की ख़ामोशियों की बात करो
मुझे समझा न सकोगे कभी दोस्त मेरे



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हकीक़त थी,
ख्वाब था
या तुम थे,

जो भी था,

हम तो उसी में गुम थे…
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 ” हमेशा हँसते रहिये,एक दिन ज़िंदगी भी

आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।”

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कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते

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 चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,

दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।

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 घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,

अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे




दोस्त हिंदी में शायरी Dosti Friendship Love Shayari Hindi

हिंदी में शायरी  - Dosti Friendship Love Shayari Hindi

हिंदी में शायरी  - Dosti Friendship Love Shayari Hindi- दोस्त संबंध नही जो मिट जाए,
उमर नही जो ढल जाए,
सफर नही जो कट जाए,
यह तो वो एहसास है,
जिसके लिए जिया जाए... 
तो ज़िंदेगी भी कम पड़जाएे.



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काश वो भी आकर हम से कह दे...
मैं भी तन्हाँ हूँ...
तेरे बिन...
तेरी तरह...
तेरी कसम...
तेरे लिए....

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नाराजगी को कुछ देर चुप रहकर मिटा दिया आपने ।
गलतीयों पर बात आगे ना करकेे रिश्तों को सुलझा दिया  आपने

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ए दोस्त गम ना कर
तकदीर बदलती रहती है
शीशा शीशा ही रहता है
तस्वीर बदलती रहती है...

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दिल में जोर से दस्तक दे रहा है कोई...
लगता है यादों के आने का वक़्त हो गया..

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हम रूठे दिलो को मानने में रह गये..
गैरो को अपना दर्द सुनने मे रह गये..
मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गयी..
और हम औरो को रास्ता दिखाने मे रह गये.!!

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जो दिल को अच्छा लगता है,
 उसी को दोस्त कहता हूँ,

मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की,
सियासत मै नही करता,,,,



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मेरे और तेरे बीच बस यही रिश्ता रह गया है,
तु मेरे पोस्ट पढ़ती है और मैं तेरे लाईक देखता हूँ..

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वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से
मैं ऐतबार न करता तो और क्या करता

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कुछ पल खामोशियों में खुद से रूबरू हो लेने दे यार,
ज़िन्दगी के शोर में खुद को सुना नहीं, मुद्दतों से मैंने।

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 काश दिल की आवाज़ का 
इतना असर हो जाए
हम उन्हे याद करे 
और उन्हे खबर हो जाए

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 ज़रूर तुमको किसीने दिल से पुकारा होगा,
एक बार तो चाँद ने भी तुमको निहारा होगा,
मायूस हुए होंगे सितारे भी उस दिन,
खुदा ने जब ज़मीन पर तुमको उतरा होगा


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 दोस्तों के दास्तान जब वक़्त सुनाता है
तो हमें भी कोई दोस्त याद आता है
भूल जाते है हम जिंदगी के गम को
जब आपके साथ बिताया वक़्त याद आता है

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तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है

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ढलती शाम का खुला एहसास है ,
मेरे दिल में तेरी जगह कुछ खास है ,
तू नहीं है यहाँ मालूम है मुझे ...
पर दिल ये कहता है तू यहीं मेरे पास है

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मेरे ऐब मुझे उंगलिओं पे गिनाओ यारो,
बस मेरी गैर- मौजूदगी मैं मुझे बुरा मत कहना..।।

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कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल …

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आंखों के किनारे भीगे नहीं,
तो वो समझे की रोए नहीं।

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कुछ खास नही बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी,
हर रात का आख़िरी ख्याल और,
हर सुबह की पहली सोच हो तुम

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 ना छेड़ किस्सा ए उल्फत ,
बड़ी लम्बी कहानी है ।।
मैं जमाने से नहीं हारा ,
बस किसी की बात मानी है…..

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 “हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”

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 उस मासूम शराब की मोहब्बत भी क्या खूब थी ।।
जालिम एक बार लबो पे लगी तो फिर कभी उसने बेवफाई ना की।।


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नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
काश कि हमने तुम्हें इतने गौर से ना देखा होता।

Wednesday, 24 February 2016

Hindi love shayari for girlfriend boyfriend

Hindi love Shayari for girlfriend boyfriend

Hindi love Shayari for girlfriend boyfriend Husband-wife


 इतना भी जरूरी न था कि मैं कुछ बोलूं
या कुछ बोलो ही तुम 
हम ने महसूस किया ही है 
कि टूटता ही है कुछ न कुछ
बोलने से 
नहीं बोलने का अर्थ 
खामोशी ही नहीं, कुछ और भी होता है 🌹

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हर एक चेहरे पे गुमान उसका था
बसा ना कोई दिल में ये खाली मकान उसका था
.
.
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तमाम दुःख मेरे दिल से मिट गए, लेकिन
जो न मिट सका वो एक नाम उसका था

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 चाहता है दिल किसी से राज़ की बातें करें 
फूल आधी रात का आँगन में है महका हुआ
फिजां मे महक रात चांदनी है मगर 
शहर सोया जान पडता है

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एक अरसे से आंखों से आंसू न बहे
इतने मशरूफ हम इस जमाने में रहे

कौन आगे बढ़ा, कौन पीछे रहा, कौन ठहर गया
इन्हीं बेकार की बातों में उलझे से रहे

भरे बाजार में सबने हमें पराया समझा
ऐसे माहौल में अपने भी गैरों से रहे

आज दिल में मेरे रोने की तड़प जागी तो
रातभर हम कोई बहाना ढूंढते से रहे🌺

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नहीं बोलने का अर्थ 
खामोशी ही नहीं, 
कुछ और भी होता है 

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मुझे अपने लफ़्जो से आज भी शिकायत है,
ये उस वक़त चुप हो गये जब इन्हें बोलना था..

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उसकी 'मोहब्बत' का अब कैसे हिसाब हो...,
जो 
गले लगा कर कहती है की आप बड़े खराब हो.!!

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कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है

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देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।

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यू नजर से बात की और दिल चुरा गए,
अन्धेरो के साए मे धडकन सुना गए,
हम तो समझते थे अजनबी आपको,
आप तो हमको अपना बना गए।

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हर एक चेहरे पे गुमान उसका था
बसा ना कोई दिल में ये खाली मकान उसका था
.
.
..
तमाम दुःख मेरे दिल से मिट गए, लेकिन
जो न मिट सका वो एक नाम उसका था

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मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे;
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं!
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कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा ,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा ,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का ,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा .

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.....मै यादों का 
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत 
याद आते हैं....

...मै गुजरे पल को सोचूँ 
तो, कुछ दोस्त 
बहुत याद आते हैं....

.....अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से....

....मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त 
बहुत याद आते हैं....

....कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
....कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
....मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
....कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

....सबकी जिंदगी बदल गयी,
....एक नए सिरे में ढल गयी,

....किसी को नौकरी से फुरसत नही...
....किसी को दोस्तों की जरुरत नही....

....सारे यार गुम हो गये हैं...
.... "तू" से "तुम" और "आप" हो गये है....

....मै गुजरे पल को सोचूँ 
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं....

...धीरे धीरे उम्र कट जाती है...
...जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
...कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है...
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है ...

.....किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते, 
....फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते...

.....जी लो इन पलों को हस के दोस्त, 
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते ... !!!

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चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी
वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते

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 इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये
आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये॥
आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं
आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये॥

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 शायरी मे सिमटते कहाँ हैँ दिल के दर्द दोस्तों
बहला रहे हैँ खुद को जरा कागजो के साथ

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 मुश्किल से मिलता है शहर में आदमी,
यूं तो कहने को इन्सान बहुत हैं…

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 तुझे मुफ़्त में जो मिल गये हम,
तू क़दर ना करें ये तेरा हक़ बनता है…

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रातों  के  सूनेपन  से  घबरायें क्या !
ख़्वाब आँखों से पूछते हैं, हम आयें क्या !!
बेवा का सा हुस्न है दुनिया का यारों !
मांग इसकी सिन्दूर से हम भर जायें क्या !!

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कोई नहीं होता हमेशा के लिए किसी का,
लिखा है साथ थोड़ा-थोड़ा सभी का,
मत बनाओ किसी को अपने जीने की वजह,
क्योंकि जीना है अकेले, यह असूल है ज़िंदगी का !!

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दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तेरी याद थी, अब याद आया

दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तेरा वादा ए शब याद आया

आज मुश्किल था सँभलना ऐ दोस्त
तू मुसीबत में अजब याद आया

हाल ए दिल हम भी सुनाते लेकिन
जब वो रुख़सत हुए, तब याद आया

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तुम बेवफा होकर भी कितने अच्छे लगते
हो

खुदा जाने तुम मेँ वफा होती तो क्या होता.

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तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, 
बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके....

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फ़ितूर होता है हर उम्र में जुदा-जुदा.
खिलौने, माशूक़ा, रुतबा और ख़ुदा...

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गलतफहमियोँ की हद तब हुई
जब हमने उनसे कहा 
"रुको..., मत जाओ...

और उन्होंने सुना...
"रुको मत... जाओ..

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"इस दुनियाँ के हर शख्स को नफरत है "झूठ" से...
मैं परेशान हूँ ये सोचकर, कि फिर ये "झूठ" बोलता कौन है"।

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 इतना भी जरूरी न था कि मैं कुछ बोलूं
या कुछ बोलो ही तुम 
हम ने महसूस किया ही है 
कि टूटता ही है कुछ न कुछ
बोलने से 
नहीं बोलने का अर्थ 
खामोशी ही नहीं, कुछ और भी होता है 

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फिजां मे महक रात चांदनी है मगर 
शहर सोया जान पडता है

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चाहता है दिल किसी से राज़ की बातें करें 
फूल आधी रात का आँगन में है महका हुआ

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हर एक चेहरे पे गुमान उसका था
बसा ना कोई दिल में ये खाली मकान उसका था
.
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तमाम दुःख मेरे दिल से मिट गए, लेकिन
जो न मिट सका वो एक नाम उसका था

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