Thursday, 25 February 2016

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi

तन्हाई प्यार मोहबबत शायरी हिंदी मे Tanhai Pyar Mohabbat Shayari in Hindi -ये मत समझो के डरा हुआ हूं मै
बिखरता रहता हूं बस, दोस्तों के प्यार से भरा हुआ हूं मैं

-----------

जब आपका नाम ज़ुबान पर आता है, पता नही दिल क्यों मुस्कुराता है,

तसल्ली होती है हमारे दिल को,की चलो कोई तो है अपना, जो हर वक़्त याद आता है |



-----------

 हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता…

-----------

बहुत देर कर दी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में।। वो दिल नीलाम हो गया जिस पर कभी 'हुकुमत' तुम्हारी थी

----------

 ये उड़ती ज़ुल्फें, ये बिखरी मुस्कान।
एक अदा से संभलूँ, ,
तो दूसरी होश उड़ा देती है।,,,

------------

हजारो बार ली है तलाशीयाँ तुमने मेरे दिल की 
कभी कुछ मिला क्या तुम्हारे सिवा

----------

अगर इश्क़ हुआ दुबारा तो भी तुझसे
ही होगा….
मेरे नादान दिल को तुझ पर इतना
भरोसा है..!!

----------

“मैंने तो हमेशा ही तुझसे महोब्बत की है,

तेरे ना मानने से हकीक़त नहीं बदलेगी…

----------

दिल पे तूने क्या लिख दिया

के अब किसी और का होने को जी नहीं चाहता


------------

टूट रहे हैं दिल हर जगह..

न जाने इश्क़ कहाँ है?

----------

 रोज़ जले फ़िर भी ना ख़ाक हुए,..
अजीब है ये इश्क़ बुझ कर भी ना राख हुए…

--------

अच्छे किरदार,अच्छी सोच वाले...
 लोग हमेशा, साथ रहते हैं..!

दिलों में भी, लफ्ज़ों में भी...

 दुआओं में भी--

--------

उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,

भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती…!!

---------

किसका वास्ता देकर मैं रोकता उसे,
खुदा तक तो मेरा बन चुका था वो

--------


आप खुद ही अपनी अदाओं में ज़रा ग़ौर कीजिये..
हम अर्ज़ करेंगे तो शिकायत होगी…

-----------

इश्क़ की गहराइयो  में खूबसूरत क्या है

मैं हूँ तुम हो और कुछ की ज़रूरत क्या है

------------

 तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,

मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।।।

---------------

ए रात मेरी तनहाई देख कर,,
मुझ पर मत हंस इतना वरना,
जिस दिन मेरा यार मेरे साथ होगा..
तू पल में गुज़र जायेगी…..!!

--------

हर रात को तुम इतना याद आते हो के हम भूल गए हैं,

के ये रातें ख्वाबों के लिए होती हैं, या तुम्हारी यादों के लिए...

-------

तू रूठी रूठी सी रहती है ऐ जिन्दगी,
कोई तरकीब बता तुझे मनाने की,
मैं साँसे गिरवी रख दूंगा अपनी,

बस तू कीमत बता मुस्कुराने की..!!!

---

शाम के साये बालिश्तों से नापे हैं 

चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में

----

दिये रहो यूं ही कुछ देर और हाथ में हाथ

अभी ना पास से जाओ बड़ी उदास है रात

----

 हर मुलाकात को याद हम करतें हैं,
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है,
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर,
फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है!!

---

कागज़ पे हमने ज़िन्दगी लिख दी,
अशकों से सींच कर खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफज़ो पे,
लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख दी!!

---

ये सर्द रात, ये आवारगी, ये नींद का बोझ

हम अपने शहर में होते तो घर गए होते

------

 दर्द ये क्या है इस दर्द पे ही बात करो
और कुछ भी नहीं बस आंसुओं की बात करो

न ये दुनिया, न ही रिश्ते, न ही बंधन की
इन हवाओं में उड़ते पंछियों की बात करो

राज़ तन्हाई की और बोलियां निगाहों की
मुझसे कुदरत की ख़ामोशियों की बात करो
मुझे समझा न सकोगे कभी दोस्त मेरे



------

हकीक़त थी,
ख्वाब था
या तुम थे,

जो भी था,

हम तो उसी में गुम थे…
-------

 ” हमेशा हँसते रहिये,एक दिन ज़िंदगी भी

आपको परेशान करते करते थक जाएगी ।”

------

कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी…
बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते

------

 चिलम को पता है अंगारों से आशिकी का अंजाम,

दिल में धुआं और दामन में बस राख ही रह जाएगी।।

------

 घांव इतना गहरा है बयां क्या करे,
हम खुद निशाना बन गये अब वार क्या करे,
जान निकल गयी मगर खुली रही आंखें,

अब इससे ज्यादा उनका इंतजार क्या करे




No comments:

Post a Comment