pyar mohabbat ki shayari in hindi
तेरे गरजने से एक ख़ौफ़ सा पैदा होता हेै दिल में…एै बादल,,
तू…बे-आवाज़ बरस लिया कर मेरे आँसुओं की तरहा..
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दिखा के ख्वाब सुरख़ाब के
सुरखा़ब के पर कतर दिये
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वो चाहते है हम उनकी तारीफ़ मे कुछ कहे...
हम ये जानते है कि.. वो बिन बोले ही सब समझ गए
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रोक कर बैठा हूँ ज़िन्दगी को,
की तुम आओगी तो जीना शुरू कर देंगे !!
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सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है;
मगर जब गुफ़्तगू करता है चिंगारी निकलती है;
लबों पर मुस्कुराहट दिल में बेज़ारी निकलती है;
बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है।
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तजुर्बा इंसान को गलत फैसलों से बचाता हैं
✔लेकिन तजुर्बा भी गलत फैसलों के बाद ही आता हैं.
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मुझे आजमाने वाले शख्स तेरा शुक्रिया,,,
मेरी काबिलियत निखरी है तेरी हर आजमाइश के बाद,,,
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आँखों मे प्यास हुआ करती थी... दिल में तुफान उठा करते थे..।
लोग आते थे गज़ल सुनने को... हम तेरी बात किया करते थे..।
सच समझते थे सब सपनो को.. रात दिन घर में रहा करते थे..।
किसी विराने में तुझसे मिलकर... दिल में क्या फुल खिला करते थे..।
घर की दिवार सजाने की खातिर .. हम तेरा नाम लिखा करते थे..।
कल तुझ को देखकर याद आया... हम भी महोब्बत किया करते थे...।
हम भी महोब्बत किया करते थे...
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ना इश्क का शौक है,
न मोहब्बत करते है..
खुदा के बन्दे है,
बस बन्दगी करते है..
कभी गम हो तो हमें याद करना
दर्द गिरवी रखते है और
ख़ुशी उधार देते है ।।।
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यूँ तो कई बार भीगे बारिश में,
मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा,
जब आँखों की दीवारें गीली हुई
उसकी यादो से,
तब ही जाना हम ने बारीश क्या होती है
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चांद को देखो कितना मिलता है हम दोनो से.
तुझ जैसा हसीन और मुझ जैसा तनहा.
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अब तो मुहब्ब्त भी सरकारी नौकरी जेसी लगती है ,
कम्भख्त हमारे जैसे गरीबो को तो मिलती ही नहीं..!!!
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इस दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो,
मुझ जैसे बच्चों को बस, बच्चा रह ने दो …
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“रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं,
प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं
इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने
अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं।
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ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होता;
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता;
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मैं लौट आता तेरे पास एक लम्हे में;
तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता!
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आइना देखा जब ,
तो खुद को तसल्ली हुई,
ख़ुदग़र्ज़ी के ज़माने में भी कोई तो जानता है हमें……
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,,
हजारों जख्म है दिल पर, जहाँ चाहो छिड़क डालो.
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वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में…
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती …
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते…
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लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर ‘तेरी मुस्कराहट’ पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…!!!
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हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ ,
हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा ।
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हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते ;
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।
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सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं…
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ये दिल में लहर प्यार की जो उठ रही है ,
यार एक दिन तो किनारा मिल ही जायेगा …
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चलो सो जाते है अब किसी सच क़ी तलाश मे ,
रही साँसे तो सुबह फिर इस
झूठी दुनीया का दीदार करना है..
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नफरत मत करना मुझसे बुरा लगेगा......
बसप्यार से कह देना....अब तेरी जरूरत नही ंहै;!!!!!
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मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकिन है....
कोई मुझे छोड तो सकता है मगर भुला नही सकता.,.
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कोई मुझे भी पत्थर सा दिल ला दो यारों
आखिर मुझे भी इंसानो की बस्ती में ही जीना है...!!!
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निभाते नहीं है लोग आजकल…!
वरना…
*इंसानियत* से बड़ा रिश्ता कौन सा है...
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कौन करता है इस दौर में मुद्दतों तक इन्तजार
किसी का...😒
लोग हर रात के साथ ख़्वाब बदल लेते हैं...!!! 💭
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नफरत मत करना मुझसे बुरा लगेगा......बसप्यार से कह देना....अब तेरी जरूरत नहीं है;!!!!!
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नायाब हीरा बनाया है
रब ने हर किसी को.....,,
.पर चमकता वहीं है
जो तराशने जाने के दर्द से गुज़रता है....!!"
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बुराई कैसी भी हो, उसका अंतिम संस्कार अच्छाई ही करती है ।
काबिल लोग न तो किसी को दबाते है और न ही किसी से दबते है ।
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढाता है मगर हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढाता है ।
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एक शब्द है ( मोहब्बत )
इसे कर के देखो तुम
तड़प ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( मुकद्दर )
इससे लड़कर देखो तुम
हार ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( वफ़ा )
ज़माने में नहीं मिलती कहीं
ढूंढ पाओ तो कहना,
एक शब्द है ( आँसू )
दिल में छुपा कर रखो
तुम्हारी आँखों से ना निकल जाए तो कहना,
एक शब्द है ( जुदाई )
इसे सह कर तो देखो
तुम टूट कर बिखर ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( ईश्वर )
इसे पुकार कर तो देखो
सब कुछ पा ना लो तो कहना....
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हौसलें हो अगर बुलंद तो मुट्ठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो जिंदगी में आम हैं..-
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