Friday, 4 March 2016

इश्क मोहब्बत Dil Ki Baat Shayari Ke Saath Pyar Hindi SMS, Pyar Shayari

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 इश्क मोहब्बत Dil Ki Baat Shayari Ke Saath Pyar Hindi SMS, Pyar Shayari Hindi Love Shayari, Pyar Mohabbat Shayari, Sad Shayari, Dard Bhari Shayari, Romantic Shayari, Bewafa Shayari, Tanhai, Picture Shayari, Hindi Quotes - आजकल बहुत नाराज़ रहते हो हमसे ..
कही हमारे मनाने के तरीके से,
 मोहब्बत तो नहीं कर बेठे हो | 

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 तेरे लहजे में लाख मिठास सही मगर
जहर लगता है तेरा औरों से बात करना | 

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 मेरी यादों में तुम 🌙
मेरी बातों में भी तुम🌙 
हिसाब 📖 कर के बताऊँ ...
तो बेहिसाब हो तुम ...


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ये जो तुम्हारी याद है ना ...
बस यही एक मेरी जायदाद है...!!

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 बोल दिया होता कि दर्द देना हैं...
मोहब्बत  को बीच में लाने की क्या जरूरत थी...
✍☆ मोहब्बतें ✍☆

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गुलाब सी हैं मोहब्बत तेरी....
जितनी खुशबु उतनी ही चुभन....
👁❣👁
इश्क तो तुमसे ही था....
सदियों तलक तुमसे ही रहेगा....
फर्क बस इतना है....
पहले तेरी बातों में खोये रहते थे....
अब तेरी यादों में डूबे रहते है....

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 मत तरसा इतना किसी को अपनी मोहब्बत के लिए ...!!
क्या पता तेरी मोहब्बत पाने के लिए जी रहा हो कोई ...!
💖💖💖💖💖

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 मेरे शब्दों को...को इतनी शिद्दत से ना
पढ़ो यारो...कुछ याद रह गया तो....
हमे भुल नही पाओगे.....|||.. 💞

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में चिरागों की हिफाज़त, भला कैसे करता..??
वक़्त तो सूरज को भी, डूबा देता है।
मै सूरज के साथ रहकर भी भूला नही अदब,
लोग जुगनू का साथ पाकर... मगरूर हो गये...
सुखें पत्ते है हम जिस दिन जलेंगे उस दिन पुरा जंगल जलादेंगे

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 ✍☆ मोहब्बतें ✍☆
गुलाब सी हैं मोहब्बत तेरी....
जितनी खुशबु उतनी ही चुभन....
👁❣👁

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बोल दिया होता कि दर्द देना हैं...
मोहब्बत  को बीच में लाने की क्या जरूरत थी...

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आराम से तनहा कट
रही थी तो अच्छी थी,
💓💓💓💓💓💓
जिंदगी तू कहाँ दिल❤ की बातों में आ गयी ।।।।
💜💜💜💜💜💜

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 इश्क तो तुमसे ही था....
सदियों तलक तुमसे ही रहेगा....
फर्क बस इतना है....
पहले तेरी बातों में खोये रहते थे....
अब तेरी यादों में डूबे रहते है....

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 ♥खत की ख़ुशबू ये बता रही थी
लिखते हुए 💋jaan💋 की जुल्फे खुली थी♥

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मेरे दुपट्टे में आज भी आती है,,,
    तुम्हारी भीनी सी खुशबु,,,,,,

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मैंने हँसना सीखा है
मैं नहीं जानती रोना;
बरसा करता पल-पल पर
मेरे जीवन में सोना।

मैं अब तक जान न पाई
कैसी होती है पीडा;
हँस-हँस जीवन में
कैसे करती है चिंता क्रिडा।

जग है असार सुनती हूँ,
मुझको सुख-सार दिखाता;
मेरी आँखों के आगे
सुख का सागर लहराता।

उत्साह, उमंग निरंतर
रहते मेरे जीवन में,
उल्लास विजय का हँसता
मेरे मतवाले मन में।

आशा आलोकित करती
मेरे जीवन को प्रतिक्षण
हैं स्वर्ण-सूत्र से वलयित
मेरी असफलता के घन।

सुख-भरे सुनले बादल
रहते हैं मुझको घेरे;
विश्वास, प्रेम, साहस हैं

जीवन के साथी मेरे।

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इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज गजब की हैं,

एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन

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बदलने को तो इन आंखों के मंजर कम नहीं बदले,
तुम्हारी याद के मौसम हमारे गम नहीं बदले
तुम अगले जन्म में हमसे मिलोगी तब तो मानोगी,

जमाने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले

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कहीं पर जग लिये तुम बिन,कहीं पर सो लिये तुम बिन,
भरी महफिल में भी अक्सर अकेले हो लिये तुम बिन
ये पिछले चन्द बर्षो की कमाई साथ है मेरे,

कभी तो हंस लिये तुम बिन कभी फिर रो लिये तुम बिन

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लूट लिया माली ने उपवन
लूटी न लेकिन गन्ध फूल की
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बन्द न हुई धूल की
नफरत गले लगाने वालों सब पर धूल उड़ाने वालो

कुछ मुखड़ों की नाराजी से दर्पण नहीं मरा करता है।

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लाखों बार गगरिया फूटीं
शिकन न आयी पर पन्घट पर
लाखों वार किश्तियॉ डूबीं
चहल पहल वो ही है घट पर
तम की उमर वढाने वालो लौ की उमर घटाने वालो

लाख करे पतझड़ कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।

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खोता कुछ भी नहीं यहॉ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चॉदनी
पहने सुबह धूप की धोती
वस्त्र बदलकर आने वाले, चाल बदलकर जाने वालो

चंद खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है।

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माला विखर गई तो क्या है,
खुद ही हल हो गयी समस्या
आंसू गर नीलाम हुये तो
समझो पूरी हुई तपस्या
रूठे दिवस मनाने वालो, फटी कमीज सिलाने वाले

कुछ दीपक के वुझ जाने से आंगन नहीं मरा करता है।

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सपना क्या है, नयन सेज पर
सोया हुया आंख का पानी
और टूटना है उसको ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने बालो, डूबे बिना नहाने बालो

कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता है।

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छिप छिप अश्रु बहाने बालो,
मोती व्यर्थ लुटाने वालो

कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।

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हौले हौले ख्वाहिशों की उम्र वढने लगी तो,दिल में जवान कितने ही ख्वाव हो गये
और वक्त की शिकायतों पर रब की इनायतें थी, हमने जो देखे सपने गुलाब हो गये
कि दुनिया ने रख दिये पग पग पे सवाल, फिर भी इरादे सभी लाजबाब हो गये
जिन्दगी में और तो वसीला कुछ भी नहीं था,मॉ ने दी दुआयें हम कामयाब हो गये !

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ढलने लगी थी रात,,,,कि तुम ,,,,याद आ गये 

फिर उसके बाद ,,,,रात ,,,,,बहुत देर तक रही

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वोह अल्फ़ाज़ ही क्या जो समझानें पढ़ें,
हमने मुहब्बत की है कोई वकालत नहीं.

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"उनके आने के इंतज़ार में हमनें,
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए,उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था,वो सुबह समझ कर वापस चल दिए"

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क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी
क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती
पर हर ऊम्र में प्यार होता है

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वॉकुरी की धार सम तीखे नयनों की कोर, आंज कर काजर कटारी लगने लगी
देख कर कंचन समान कमनीय काया, काम को भी कामना  कुमारी लगने लगी
यौवन का वोझ इतना वढ़ा कि देह पर, ओढ़नी भी रेशम की भारी लगने लगी
मुखड़ा है जैसे पूर्णिमा के चन्द्रमा की छवि, देहदृष्टि जैसे पारिजात है कसम से
चंचल हंसी में मीठी तान की सी कोयल की, बानी में सुरों की बरसात है कसम से
घोर कालिमा से काले काले—काले कुन्तल हैं, काले केश हैं कि काली रात है कसम से
गोरे रंग से भी गोरी गोरी—गोरी इतनी की, तुलना में गोरा रंग मात है कसम से

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जो संतुष्ट रहते हैं 
वे सदा खुश रहते हैं।

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ठोकरें ख़ाता हूँ पर
"शान" से चलता हूँ
मैं खुले आसमान के नीचे
सीना तान के चलता हूँ
मुश्किलें तो "साज़" हैं
ज़िंदगी का
"आने दो-आने दो"
उठूंगा , गिरूंगा
फिर उठूंगा
और
आखिर में "जीतूंगा मैं ही"

ये ठान के चलता हूँ...

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 उलझ के ऐसे मुहब्बत का फलसफा रह जाये,
ना कुछ भी ख्वावो हकीकत में फॉसला रह जाये
वहॉ से देखा है तुझको जहॉ से तू खुद भी

जो अपने आपको देखे तो देखता रह जाये।

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कभी अपने बारे मे बुरा मत सोचो........ 




इसका पूरा ठेका हमारे रिश्तेदारों और पडोसियो ने ले रखा है। 

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पतझड़ भी हिस्सा है जिंदगी के मौसम का,
फर्क सिर्फ इतना है,,, कुदरत में पत्ते सूखते है......

और हकीकत में रिश्ते

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इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी।

चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया।।

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हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन।

अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को।।

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जीना हराम कर रहा है इन आंखों ने ...
 खुली हो तो तलाश तेरी.. ..


 बंद हो तो ख्वाब तेरे ...

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कुछ ना किया मगर वो दर्द बेहिसाब दे गये...!

देखो ना! मुझ अनपढ को .... 

मोहब्बत की किताब दे गये ......

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"हर नज़र को 1 निगाह का हक़ है,
हर नूर को 1 आह का हक़ है.
हम भी दिल लेकर आये है इस दुनिया में,

हमे भी तो 1 गुनाह करने का हक़ है"

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किसी ने आज पूछा,,, कहा से ढूढ लाते
हो एसी शायरी...??


में मुस्कुरा के बोला "उसके खयालो में डूबकी लगा कर..".....

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मुझे मालुम है
कि यह ख्वाब झूठे और ख्वाहिशे अधूरी है.......

पर जिदां रहने के लिए कुछ गलतफहमी भी जरुरी है|

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हर एक चटकीले  रंग  पर जब  मौसम की छांट  पड़ा  करती है  ते निखरते  हर उस छोटे  अंःश के रंगों  के बदलते  हर उस ढंग  को करीब  से देखा है   मैने | 

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यही बहुत है की दिल उसको ढुँढ लाया है,

किसीके साथ सही वो नज़र तो आया है !

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इस कदर हम यार को मनाने निकले!
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले!
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा!

उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!

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आज फिर तुम्हारी याद में ,
मैंने कुछ लिख डाला..
🎀
ये जमाना वाह वाह कर रहा है,

 मेरी हर इक आह पर..

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रात जगी है रात भर और शम्मा भी अब सोने चली
ऐसे में अब फ़िक्र किसे, क्या हाल हुआ परवानों का
मन का पाखी उड़ चला, और दिल भी है खोया खोया 
प्रीत का बाजा ढोल बजा, और शोर हुआ अरमानों का
धज्जी-धज्जी पैरहन है, आँखों में भी ख़ुमारी सी
मजनूँ जैसी सूरत लेकर, क्या होगा तुम दीवानों का 
हम तेरे ख्यालों में यूँ डूबे, कि मंजिल अपनी रूठ गई  

न क़ाबे का ही ज़िक्र किया, न नाम लिया बुतखानों का

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जब तक तुम मिलो हमसे, न उम्र की शाम हो जाए
ज़िक्र तेरा करूँ ख़ुद से, और चर्चा आम हो जाए
तुझे मिलने की ख्वाहिश और तमन्ना दिल पे तारी है
ख़्वाबों और हक़ीकत में, न क़त्ले आम हो जाए
दहाने ज़ख्म के दिल के, ज़िन्दगी सोग करती है 
हुनर ये ज़िन्दगी का है, पर दिल गुलफाम हो जाए
वो बारिश जो कभी खुल कर, खुली छत पर बरसती है 
मेरे कमरे में भी बरसे तो मेरा काम हो जाए 
करिश्मा ग़र कोई ऐसा, मेरा क़ातिल ही कर जाए 
मेरे ख़ूने जिगर से ही, सही इक जाम हो जाए 

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सूरज की तरह उजियारा नही हूं, 
अंधेरो में कभी हारा नही हूं...🙏🏻
झरना ही सही छोटा सा, 

मै समुंदर की तरह खारा नही हूं...

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दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू,
आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू,
खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे

कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..

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अभी उतना ही गिरने दो हमें ख़ुद की निगाहों में 
कभी झुक करके सोचें, आओ अब ख़ुद को उठाते हैं
ये माना हम कभी कुछ भी कहाँ तुम्हें दे ही पाए हैं 
मगर हम रूह की हद से तुम्हें मेरी जाँ बुलाते हैं 
ये दिल इस  दर्द के जज़्बात से जब भी लरजता  है
पकड़ कर डाल हम ख़ामोशियों के झूल जाते हैं

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 ज़िन्दगी की तह अब उतरने लगी है
अश्कों की तासीर बदलने लगी है
वो जो हरारत सी हमको हुई थी 
उन्हें देख तबियत सम्हलने लगी है 
ना झाँका करो झरोखे से बाहर
शहर की हवा अब बदलने लगी है

---

रात जगी है रात भर और शम्मा भी अब सोने चली
ऐसे में अब फ़िक्र किसे, क्या हाल हुआ परवानों का
मन का पाखी उड़ चला, और दिल भी है खोया खोया 
प्रीत का बाजा ढोल बजा, और शोर हुआ अरमानों का
धज्जी-धज्जी पैरहन है, आँखों में भी ख़ुमारी सी
मजनूँ जैसी सूरत लेकर, क्या होगा तुम दीवानों का 
हम तेरे ख्यालों में यूँ डूबे, कि मंजिल अपनी रूठ गई  

न क़ाबे का ही ज़िक्र किया, न नाम लिया बुतखानों का

20 comments:

  1. *कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है...!*
    *लेकिन*
    *जिंदगी शायद उनकी होती है...!!*
    *जो बहुत कुछ खोकर भी मुस्कुराना जानते है...!!!*

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  2. https://www.djrohitgourr.co/

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  3. Very nice shayari
    Really heart touching shayari

    Instrested in Motivational quote

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  4. Very Nice!!
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    दिन भी ढलता है
    रात भी होती है ,
    मगर हाल-ऐ-दिल के चलते
    हमे इनकी खबर ना होती है।

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  5. Very Nice!!
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    प्यार की एक बात गज़ब है कि
    ये हर किसी को नहीं होता।
    और जिनको होता है उन्हें ,
    हर किसी से नहीं होता।

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  6. दिल में आप हो और कोई खास कैसे होगा;
    यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा;
    हिचकियॉं कहती हैं आप याद करते हो;
    पर बोलोगे नहीं तो मुझे एहसास कैसे होगा।
    Also check out :- Baat Nahi Karne Ki Shayari

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  7. प्यार भी हारा और जज्बात भी हारा, हार गया सारा जमाना
    बस दिल नही हारा तुमसे प्यार करने से दिमाग नही हारा ।।

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