Wednesday, 11 May 2016

love shayri in hindi for boyfriend

love Shayri in Hindi for BoyFriend GirlFriend

जल्दबाज़ी में अब बस सांस ही ली जाती है...
ज़िन्दगी कहाँ अब फुरसत से जी जाती है...

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पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना
जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना
मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है
जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना

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ऐ कलम जरा झुक कर चल गजब का मुकाम आया है
तेरी नोक के नीचे मेरे दोस्त का नाम आया है

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कहीं यादो का मुकाबला हो तो बताना यारो,

मेरे पास भी कीसी की यादें बेहीसाब होती जा रही है !!

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आओ इन कमरो के आइने उठाकर फैक दै......
बेअदब ये कह रहे है हम पुराने हो गये......

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दो गज से जरा ज्यादा जगह देना कब्र में मुझे,
की किसीकी याद में करवट बदले बिना मुझे नींद नहीं आती !!

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अज़ीब  पहेली  है  कहीं  रिश्तों  के  नाम  ही  नहीं  होते..,
और  कहीं  पर  सिर्फ  नाम  के  ही  रिश्ते  होते  है... ,
वक़्त  बदल  जाता  है  इंसान  बदल  जाते  हैं...
वक़्त  वक़्त  पे  रिश्तों  के  अंदाज़  बदल  जाते  हैं...

--

ना जाने क्यों रेत की तरह.. 
हाथों से निकल जाते हैं 
वो लोग... 
जिन्हें जिन्दगी समझ कर.. 
हम कभी 
खोना नहीं चाहते...
🐬🐬
नहीं निकल पायेगें हाथों से 
गर रखो दिल में नफरत की कमी 
हाथों में मोहब्बत की नमी 

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मुझको ये भी नहीं मालूम कि जाना है कहाँ 
थाम ले कोई मेरा हाथ मुझे होश नहीं
जाने क्या टूटा है पैमाना कि दिल है मेरा
बिखरे-बिखरे हैं खयालात मुझे होश नहीं 

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जरूरत की तो सिर्फ जरूरत होती है 
बात ही सिर्फ मोहब्बत की होती है

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लोग कहते है तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है।
   यदि लोग सच में एक दुसरे के साथ होते
तो संघर्ष की जरुरत ही नहीं पड़ती।
बात कड़वी है पर सच है....

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कुछ मीठी सी ठंडक है 
आज इन हवाओं में...!
शायद तेरी यादों से भरा दराज़
खुला रह गया है...!!

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मत दे दुआ किसी को 
अपनी उमर लगने की, 
यहाँ ऐसे भी लोग है 
जो तेरे लिए जिन्दा हैं !!

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वो तो बारिश कि बूँदें देखकर 
खुश होते हैं,
उन्हें क्या मालूम 
कि हर गिरने वाला कतरा 
पानी नही होता।

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" सुना है दोस्ती  लाजबाब
करते हो तुम.....!!
" लो हमने दे दिया दिल ❤.....!!
" अब देखते हैं इसका क्या हाल
करते हो तुम.. 💖❤💖

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बहुत ही खूबसूरत है, तेरे अहसास की खुश्बू,
जितना भी सोचते है, उतना ही महक जाते हैं.!!

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“शिकायतें वहाँ होती हैं....
जहाँ ऐतबार ना हो...,
मेरा तो यकीन ही तुम हो....
तो शिकायत कैसी...।”

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हकीकत में ये ख़ामोशी हमेशा चुप नहीं होती।
कभी तुम ग़ौर से
सुनना ये बोहत क़िस्से सुनाती है।

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मुझे नफरत पसंद है,,,, 
मगर 
दिखावे का प्यार नहीं..

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हम तेरे इश्क़ के उस मुक़ाम पर आ पहुचे है ..
जहाँ दिल किसी और को चाहे तो गुनाह लगता है..

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क्या बोलेगी क्या लफ्ज बयां करेगी 
जिसकी हर अदा इक गूफ्तगू सी करती हैं

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ये कमाल शायरी का नही 
तेरी हौसलाअफजाई का है 
सुनने को तेरी वाह वाह लफ्ज खुद ब खुद उतर आते हैं

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लो इनकी कमी थी रगं ओ गुलिस्तां में 
आप का आना कुछ यूं हुआ 
हर तरफ इक खुशनुमा बहार छा गई 

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अधूरे से रहते मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक्र के बिना..!!
मानो जैसे मेरी हर शायरी की रूह तूम ही हो....!!

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कोई सहारा नहीं दुआ के सिवा,
कोई सुनता नीं खुदा के सिवा,
मैने भी जिन्दगी को करीब से देखा है,
मुश्किलों में कोई साथ नहीं खुदा के सिवा

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ना ये महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है; जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है; ना डूबने देता है, ना उबरने देता है; उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।

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*खुदा ने इश्क मे क्या इम्तियाज रखा है,*
*वही जो मर्ज है उसको इलाज रखा है..*

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जीने की नयी अदा दी है, खुश रहने की उसने दुआ दी है, ऐ खुदा मेरे दोस्तों को सालामत रखना, जिसने अपने दिल में मुझे जगह दी है |

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मोहब्बत में मैंने क्या कुछ नहीं लुटा दिया... "उस को पसंद था अँधेरा और मैंने खुद को बुझा दिया..."

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जब मैं डूबा तो समंदर को भी हैरत हुई मुझ पर
कितना तन्हा शख्स है, किसी को पुकारता भी नही

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हर पल में प्यार है, 
हर लम्हे में ख़ुशी है, 
कह दो तो यादें हैं, 
जी लो तो जिन्दगी हैं !!

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धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
पत्थरों में भी ज़ुबां होती है दिल होते हैं
अपने घर के दरोदीवार सजा कर देखो
फ़ासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है
वो मिले या न मिले हाथ बढ़ा कर देखो

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मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम,
ख़ामोश अदाओं में वो जज़्बात का आलम,
अल्लाह रे वो शिद्दत-ए-जज़्बात का आलम,
कुछ कह के वो भूली हुई हर बात का आलम,
आरिज़ से ढ़लकते हुए शबनम के वो क़तरे,
आँखों से झलकता हुआ बरसात का आलम,
वो नज़रों ही नज़रों में सवालात की दुनिया,
वो आँखों ही आँखों में जवाबात का आलम

---

 बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीँ जाता
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता

--


कौन दोहराए पुरानी बातें
ग़म अभी सोया है जगाये कौन
वो जो अपने हैं, क्या वो अपने हैं
कौन दुःख झेले, आजमाए कौन
अब सुकून है तो भूलने में है
लेकिन उस शख्स को भुलाए कौन
आज फ़िर दिल है कुछ उदास-उदास
देखिये आज याद आए कौन

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दिल के दीवारो दर पे क्या देखा
बस तेरा नाम ही लिखा देखा
तेरी आंखों में हमने क्या देखा
कभी कातिल कभी खुदा देखा

--

मोहब्बत है तुमसे इसलिए नजर अंदाज नहीं किया कभी...
वरना बेरुखी तुमसे कहीं बेहतर जानते हैं हम।

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जिस जिस ने मुहब्बत में,अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,उनको जुदा कर दिया|


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कल तक उड़ती थी जो मुँह तक ,
आज पैरों से लिपट गई ।
चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की ,
धूल की फ़ितरत ही बदल गई ।।

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थकी-टूटी हुई नींदों के दरमियान अक्सर...
बहुत चुपके से जाग उठती हैं आपकी यादें......
उन यादों को कभी लफ्जों में ढाल दिया करो
खुद को भी कभी सभांल लिया करो

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छोडो वफ़ा  बे वफाई की तकरार 
आज फैसला ही करते हे 
चल मेरे साथ सदा के  लिए
वरना ले चल मुझे सदा के लिये

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' भुलना सीखिए जनाब.....।
एक दिन दुनिया भी वही....
करने वाली है.!!

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जी करता है मुफ्त में ही उसे अपनी जान भी दे दूँ . 
 इतने मासूम खरीददार से क्या लेन – देन करना .

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थोड़ी मस्ती, थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकी-महकी यादें
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ

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"तू जी भर कर 
चाह ले उस को
जिस को तेरा दिल करता है,,
"मुझे भी ये देखना है
क़ि मेरे बाद कौन तुझे इस कद्र प्यार करेगा"


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अजीब रंग में गुजरी है जिंदगी अपनी
दिलो पर राज किया और मोहब्बत को तरसे..!!

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जब से एक बेवफा का हमारे दिल मे बसेरा हो गया,
दिल तो दिल था पर मेरा साया भी हमसे दूर हो गया.
भरोसा था प्यार से रोशन होगी ज़िंदगी मेरी,
उस बेवफा ने ऐसा धोखा दिया के ज़िंदगीभर अंधेरा हो गया.

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तुज़े शिकायत है के मूज़े बदल दिया शब-ओ-रोज़ ने,
कभी खुद से बी तो सवाल कर तू वोही है या कोई ओर है..



मेरी वफ़एँ याद करोगे,
रो’गे फरियाद करोगे,
मुजको तो बर्बाद किया हे,
अब ओर किसे बर्बाद करोगे.

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हर दिल का एक राज़ होता है,
हर बात का एक अंदाज़ होता है ..
जब तक ना लगे बेवफ़ाई की ठोकर ,
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है..

Thursday, 14 April 2016

pyar mohabbat ki shayari in hindi

pyar mohabbat ki shayari in hindi


 तेरे गरजने से एक ख़ौफ़ सा पैदा होता हेै दिल में…एै बादल,,
तू…बे-आवाज़ बरस लिया कर मेरे आँसुओं की तरहा..

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दिखा के ख्वाब सुरख़ाब के 
सुरखा़ब के पर कतर दिये

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वो चाहते  है हम उनकी  तारीफ़  मे कुछ  कहे...  
हम ये जानते  है कि..  वो बिन बोले ही सब समझ  गए 

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रोक कर बैठा हूँ ज़िन्दगी को,
की तुम आओगी तो जीना शुरू कर देंगे !!

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सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है;
मगर जब गुफ़्तगू करता है चिंगारी निकलती है;
लबों पर मुस्कुराहट दिल में बेज़ारी निकलती है;
बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है।


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तजुर्बा इंसान को गलत फैसलों से बचाता हैं
✔लेकिन तजुर्बा भी गलत फैसलों के  बाद ही आता हैं.

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मुझे आजमाने वाले शख्स तेरा शुक्रिया,,,
मेरी काबिलियत निखरी है तेरी हर आजमाइश के बाद,,,

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आँखों मे प्यास हुआ करती थी... दिल में तुफान उठा करते थे..।
लोग आते थे गज़ल सुनने को... हम तेरी बात किया करते थे..।
सच समझते थे सब सपनो को.. रात दिन घर में रहा करते थे..।
किसी विराने में तुझसे मिलकर... दिल में क्या फुल खिला करते थे..।
घर की दिवार सजाने की खातिर .. हम तेरा नाम लिखा करते थे..।
कल तुझ को देखकर याद आया... हम भी महोब्बत किया करते थे...।
हम भी महोब्बत किया करते थे...

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ना इश्क का शौक है, 
न मोहब्बत करते है.. 
खुदा के बन्दे है, 
बस बन्दगी करते है.. 
कभी गम हो तो हमें याद करना
दर्द गिरवी रखते है और
ख़ुशी उधार देते है ।।।

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यूँ तो कई बार भीगे बारिश में,
मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा,
जब आँखों की दीवारें गीली हुई
उसकी यादो से,
तब ही जाना हम ने बारीश क्या होती है

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चांद को देखो कितना मिलता है हम दोनो से.
तुझ जैसा हसीन और मुझ जैसा तनहा.

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अब तो मुहब्ब्त भी सरकारी नौकरी जेसी लगती है ,
कम्भख्त हमारे जैसे गरीबो को तो मिलती ही नहीं..!!!

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इस दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो,
मुझ जैसे बच्चों को बस, बच्चा रह ने दो …

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“रस्मों रिवाज की जो परवाह करते हैं,
प्यार में वो लोग गुनाह करते हैं
इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने
अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं।

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ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होता;
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता;

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मैं लौट आता तेरे पास एक लम्हे में;
तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता!

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आइना देखा जब ,
तो खुद को तसल्ली हुई,
ख़ुदग़र्ज़ी के ज़माने में भी कोई तो जानता है हमें……
नमक तुम हाथ में लेकर, सितमगर सोचते क्या हो,,
हजारों जख्म है दिल पर, जहाँ चाहो छिड़क डालो.

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वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर..
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में…
काश आंसुओ के साथ यादे भी बह जाती …
तो एक दिन तस्सली से बैठ के रो लेते…

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लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर ‘तेरी मुस्कराहट’ पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है…!!!

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हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ ,
हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा ।

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हजार गम मेरी फितरत नही बदल सकते ;
क्या करू मुझे आदत हे मुस्कुराने की ।

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सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं…

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 ये दिल में लहर प्यार की जो उठ रही है ,
यार एक दिन तो किनारा मिल ही जायेगा …

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 चलो सो जाते है अब किसी सच क़ी तलाश मे ,
रही साँसे तो सुबह फिर इस
झूठी दुनीया का दीदार करना है..

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नफरत मत करना मुझसे बुरा लगेगा......
बसप्यार से कह देना....अब तेरी जरूरत नही ंहै;!!!!!

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मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकिन है....
कोई मुझे छोड तो सकता है मगर भुला नही सकता.,.


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कोई मुझे भी पत्थर सा दिल ला दो यारों
आखिर मुझे भी इंसानो की बस्ती में ही जीना है...!!!

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निभाते नहीं है लोग आजकल…!
वरना…
*इंसानियत* से बड़ा रिश्ता कौन सा है...


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कौन करता है इस दौर में मुद्दतों तक इन्तजार 
किसी का...😒
लोग हर रात के साथ ख़्वाब बदल  लेते हैं...!!! 💭

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नफरत मत करना मुझसे बुरा लगेगा......बसप्यार से कह देना....अब तेरी जरूरत नहीं है;!!!!!

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नायाब हीरा बनाया है 
रब ने हर किसी को.....,,
.पर चमकता वहीं है 
जो तराशने जाने के  दर्द से गुज़रता है....!!"

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 बुराई कैसी भी हो, उसका अंतिम संस्कार अच्छाई ही करती है ।
काबिल लोग न तो किसी को दबाते है और न ही किसी से दबते है ।
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढाता है मगर हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढाता है ।

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एक शब्द है ( मोहब्बत )
इसे कर के देखो तुम
तड़प ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( मुकद्दर )
इससे लड़कर देखो तुम
हार ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( वफ़ा )
ज़माने में नहीं मिलती कहीं
ढूंढ पाओ तो कहना,
एक शब्द है ( आँसू )
दिल में छुपा कर रखो 
तुम्हारी आँखों से ना निकल जाए तो कहना,
एक शब्द है ( जुदाई )
इसे सह कर तो देखो
तुम टूट कर बिखर ना जाओ तो कहना,
एक शब्द है ( ईश्वर )
इसे पुकार कर तो देखो
सब कुछ पा ना लो तो कहना....

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हौसलें हो अगर बुलंद तो मुट्ठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो जिंदगी में आम हैं..-



Monday, 11 April 2016

Ashiq Pyar Romance Shayri for girlfriend boyfriend

Ashiq Pyar Romance Shayri for girlfriend boyfriend 

आज कल की दुनिया में शरीफ,, सच्चे और
प्यारे दोस्त मिलना बहुत ही मुश्किल है
मैं खुद हैरान हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ढूढ़ कैसे लिया?

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नाराज़गी से लेकर रजाबन्दी तक
 तेरी हर एक अदा लाजबाव है

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कौन समझ पाया है आज तक हमें,
हम अपने हादसों के इकलौते गवाह हैं !!

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नज़र झुका के जब भी वोह गुजरे हैं करीब से ,
हम ने समझ लिया कि आदाब अर्ज़ हो गया !!

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बहुत खूबसूरत है ना वहम ये मेरा...
कि तुम जहाँ भी हो सिर्फ मेरे हो.....iii

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कौन पूछता है,
पिंजरे में बंद पंछियों को,
याद वही आते हैं, जो उड़ जाते हैं...

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कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी..!!
एक मै और एक यादे तेरी..!!

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मुस्कुरा कर जो देखो तो सारा जहां हसीन दिखता है
... वरना भीगी आंखों से तो आईने में अपना चेहरा भी धुंधला नज़र आता है।

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‬तुमसे बिछड़े तो मालुम हुवा की मौत भी कोई चीज़ हे
ज़िदगी तो वोह थी जो हम तेरी मेहफिल में गुजार आये।

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मुड़े-मुड़े से हैं, 
किताब-ए-इश्क़ के पन्ने,
ये कौन है, 
जो हमे हमारे बाद पढ़ता है.......

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अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता..
तो खुदा होता या तेरा दिल होता....!

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अगर होता यकीं के तुम मिलने आओगे ख्वाब में तो,
वफ़ा की कसम आँखों में हम गुलाब की पत्तिया सजाकर सोते..!


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हम भी  आजकल  खुशफहमियों  में जीते  हैं...
इक  हिचकी  भी  आती है तो शुक्रिया  अदा  करते  हैं....

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अच्छा दोस्त जिंदगी को जन्नत बनाता है...!!!
इसलिए मेरी कद्र किया करो
  वर्ना फिर कहते फिरोगे     
  "बहती हवा सा था वो;
यार हमारा था वो; कहाँ गया उसे ढूढों!"

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बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की;
कोई किसी को टूट कर चाहता है;
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

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खूबिओं से नहीं होती मोहब्बत भी सदा,
कमियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है” !!

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खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की….
तुम मुझे पहचानते हो, बस इतना ही काफी है..

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न जाहिर हुई तुमसे, न बयान हुई हमसे।
बस सुलझी हुई आँखो मेँ, उलझी रही मोहब्बत॥

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तनहा रहेने का भी अपना मज़ा है दोस्तों…….
यकीन होता है की कोई छोड़कर नहीं जायेगा,
और उम्मीद नहीं होती किसी के लौट आने की…!!

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सुना है…!
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो ‘तुम…’
अरे ओ पागल…?
मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद
करना हो?

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हम ने एक असूल पे सारी उम्र गुज़ारी है;
जिस को अपना जान लिया फिर उस को परखा नहीं..

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फर्क बस अपनी अपनीसोच का है….
वर्ना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं होती….!!

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तन्हाई में भी कहते है लोग,
जरा महफ़िल में जिया करो.
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में,
और कहते है जरा तुम कम पिया करो….

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मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है
तुम भी होते, अच्छा होता..

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“दोनों आखों मे अश्क दिया करते हैं
हम अपनी नींद तेरे नाम किया करते है
जब भी पलक झपके तुम्हारी समझ लेना
हम तुम्हे याद किया करते हैं ”

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अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…

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सोचता हूं क्या उसे नींद आती होगी..
या मेरी तरह सिर्फ अश्क बहाती होगी..
वो मेरी शक्ल मेरा नाम भुलाने वाली..
अपनी तस्वीर से क्या आंख मिलाती होगी…..

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कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गए,
अब दिल के मशवरों पर अमल नहीं करते..

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हवा का झौंका था शायद
खिडकी कोई खुली रह गई

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क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……
मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..!!!!!!

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तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है,
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे, तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है.

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बर्बाद कर दिया दोनों की लड़ाई ने मुझे ।                                               ना आशिक हार मानता है ना दिल शिकस्त का आदी है ।।
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एक शब्द है (मुकद्दर)
इससे लड़कर देखो तुम
हार ना जाओ तो कहना..

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मैं बोलता गया हूँ.... वो सुनता रहा ख़ामोश
ऐसी भी मेरी हार, हुई है कभी कभी

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सामने आई है रिश्तों की हकीकत जब से ,
हम दुआ मांग रहे है के अकेले हो जाये ...

---

तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पर शक़ गया होगा
चिराग ख़ुद जल-जल के थक गया होगा

--

“गुमराह करते तो हम भी आरजू होते किसी की,
ख़ता यही हुई की दिल को खोल के रख दिया...!”

--

चाहने वालो को नही मिलते चाहने वाले.!
हमने हर दगाबाज़ के साथ सनम देखा है..!!


Thursday, 7 April 2016

hindi shayari on love

hindi shayari on love

सोचते हैं सीख लें हम भी बेरुखी करना;
प्यार निभाते-निभाते लगता है हमने अपनी ही कदर खो दी।

--

काश तेरे दिल पे होता इक दरवाजा ………
अंदर जा कर कुंडी लगा देते सदा के लिये……

--

रात आधी से ज़्यादा गई थी सारा आलम सोता था 
नाम तेरा ले लेकर कोई दर्द का मारा रोता था
तारे अक्सर डूब चले थे, रात में रोने वालों को 
आने लगी थी नींद- सी कुछ दुनिया में सवेरा होता था

--

जिसको एहसासे ग़म नहीं होगा,
संग होगा सनम नहीं होगा !
यूं अचानक तेरे बिछड़ने का,
ग़म तो मुझ को भी कम नहीं होगा ! 
तुम ना समझोगे मेरे सर का जुनूं,
टूट जाएगा ख़म नहीं होगा !

--

गिला भी उनसे होते है जिनसे शिकायत होती है ,
खफा भी उनसे होते है जिनसे मौहब्बत होती है !

---

रुठ जाता हूं तुझसे 
मैं तुझी को मनाने के लिए
दूर जाता हूं तुझसे
जराऔर पास आने के लिए
तुझे क्या लगता है 
मुझे जीतना नही आता.???
मैं हार जाता हूं अकसर 
तुझी को जीत जाने के लिए

--

किसी की अर्थी यात्रा मैं जाओ तो यह मत समझना कि आप उसे उसकी मंजिल पर ले जा रहे है बल्कि यह समझना की अर्थी पर लेटा हुआ इंसान मुर्दा हो कर भी तुम्हें तुम्हारी मंजिल दिखाने ले जा रहा है
--

जादू आता है तुम्हे या किसी और इल्म मे माहिर हो ॥
हमारे दिल पे कब्जा किसी आम शक्स का काम नही

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वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,
डरता है दिल उनकी रुसवाई से,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते..,..!

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मत छेड उन तारो को 
साज फिर बज उठेगा 
उसी सरगम की तलाश में 
दिल बेवजह भटकेगा

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सोया तो जाने कब से हूं 
हमें भी प्यार से जगाये कोई

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आओ चुन कर रखें कुछ बेर हम भी 
कभी तो राम आयेगें मेरे यहां

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बेर कैसे होते है “शबरी” से पूछो,
राम जी से पूछोगे तो मीठा ही बोलेंगे !!”

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कोई अब जगाती हैं इन आँखों को रातों में…
हमने सोने का वक़्त अब बदल लिया हैं…

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मुकाम ऐ महोब्बत 👉तूने समझा ही नहीं…
वरना जहाँ तक है 👉तेरा साथ, वही तक होगी ज़िंदगी मेरी

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छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!

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जिसको एहसासे ग़म नहीं होगा,
संग होगा सनम नहीं होगा !
यूं अचानक तेरे बिछड़ने का,
ग़म तो मुझ को भी कम नहीं होगा ! 
तुम ना समझोगे मेरे सर का जुनूं,
टूट जाएगा ख़म नहीं होगा !

--

ये इत्तेफ़ाक़ नहीं कि आज हम तनहा है ……….
नाकाम होने के लिए भी बड़ी मशक्कत कि है हमने ……

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मुझे तो बस हर ख्वाहिश को अब तक अधूरा पाने की आदत सी हो गई है

--

शुक्रगुजार हूं तेरा 
कोई तमन्ना तो पूरी की

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वो चुपके से जरूर आएगी मिलने मुझसे….
हकीकत नही तो “सपने” मे ही सही…

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ए इश्क…मुझको कुछ और जख्म चाहियें…!!!
अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही…!!

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हसरत दिल की जाने कब पूरी होगी 
लगता है मरने तक प्यास अधूरी ही होगी

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न जाने किस बात पे नाराज़ है
वो हमसे.....!!
ख्वाबों में भी मिलती है,
तो बात नहीं करती.....

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इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी...
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले है.

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वक़्त से कहना ....
यूँ न झांके मेरी जिंदगी की झोपडी में, 
मेरी कुछ ख्वाहिशें ....
बेलिबास ही टहला करती हैं..!!!!!

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यूँ तो तैरने मे हो गया हूँ माहिर मैं,
फिर भी डूब जाता हूँ अक्सर तुम्हारे ख्यालो में ..!!

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" इज़ाज़त हो तो मांग लूँ तुम्हें... 
सुना हैं तक़दीर लिखी जा रही हैं...


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बङे बेताब थे वो मोहब्बत करने को,
जब मैने भी कर ली तो उन्होने शौक बदल लिया...

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कभी मुस्कुराती आँखें भी कर देती हैं, कई दर्द बयां,
हर बात को रोकर ही बताना जरूरी तो नहीं ......

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अकेले बैठोगे, तो मसले जकड लेंगे.... 
ज़रा सा वक़्त सही , दोस्तों के नाम करो...!!

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चलो सो जाते हैं तमाम हसरतें समेट कर,
रहा मेरा साँसों का रिश्ता शरीर से तो कल फिर मिलते हैं...

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मैंने रब से कहा वो चली गयी मुझे छोड़कर,
उसकी जाने क्या मज़बूरी थी;
रब ने मुझसे कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं,
यह कहानी मैंने लिखी ही अधूरी थी।

--

मैं नाजुक बर्फ का एक टुकड़ा ; तुम
रखकर भूल गये कहीं ....

...
मैं कतरा-कतरा पिघलता रहा ; तुम
मेरा दर्द क्या जानो ........

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कहीं एक आख़िरी हद है..जहाँ दिल को बिखरना है,
वहीं से फिर मुझे अपना..सफ़र आग़ाज़ करना है,
मैं सूरज हूँ अंधेरों से..मुझे क्या फ़र्क़ पड़ता है,
जहाँ मैं आज डूबा हूँ...वहीं से कल मुझे उभरना है....

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मेरी तो बस एक छोटी सी ख्वाहिश हैं
की 
तुम्हारी कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे

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चन्द लम्हें जो गुज़ार आया हूँ 
अंजानो के साथ. . 
.दिल नहीं लगता मेरा.
..अब जाने पहचानों के साथ...

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गुज़र गया आज का दिन भी पहले की
तरह, न हमको फुर्सत मिली न उन्हें ख्याल आया...

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दोस्ती से प्यारा कोई रिश्ता नहीं होता, दुनियाँ में हर कोई इसे मिटा नहीं सकता, 
हमारा तो आपसे वो रिश्ता है, 
जिसे दुनियाँ तो क्या खुदा भी मिटा नहीं सकता..

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लगता है मेरी नींद का किसी के साथ चक्कर चल रहा है,
सारी सारी रात गायब रहती है !!!

hindi shayari on love